जामुन जिसे विभिन्न घरेलू नामों जैसे जामुन, राजमन, काला जामुन, जमाली, ब्लैकबेरी आदि के नाम से जाना जाता है।यह अम्लीय और कसैला होता है और स्वाद में मीठा होता है।इसमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज दो मुख्य स्रोत होते हैं।यह आयरन का बड़ा स्रोत है। प्रति 100 ग्राम में एक से दो मिग्रा आयरन होता है। इसमें विटामिन बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर होते हैं। इसके अलावा जामुन के बहुत से और फ़ायदे हैं ये उत्तर प्रदेश के कन्नौज शहर में भारी मात्रा में पाए जाते हैं।

जामुन का स्वाद और उपयोग;
भारत में गर्मियों के मौसम का एक बेहद लोकप्रिय फल है। यह फल स्वादिष्ट होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। गाँव की गलियों से लेकर शहर की मंडियों तक, जामुन हर किसी की यादों में बसा होता है।जामुन का स्वाद खट्टा-मीठा होता है, जिसमें हल्की कसैलापन भी होता है। यह स्वाद ही इसे खास बनाता है। इसका उपयोग कई रूपों में किया जाता है:
कच्चा फल खाया जाता है
जामुन का सिरका (विनेगर) बनाया जाता है
जूस और स्मूदी में उपयोग होता है
चटनी और आचार में भी इसका प्रयोग होता है;
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पोषक तत्वों से भरपूर
जामुन में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं,
जैसे:
विटामिन C, A और आयरन
कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम
एंटीऑक्सीडेंट्स जो शरीर को रोगों से बचाते हैं

जामुन के स्वास्थ्य लाभ:
1. डायबिटीज के लिए फायदेमंद
जामुन और इसके बीज मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करता है।
2. पाचन में सहायक;
इसमें मौजूद फाइबर और कसैलापन पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
3. रक्त शुद्धिकरण;
जामुन का नियमित सेवन खून को साफ करता है और त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभ देता है।
4. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है;
इसके एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C शरीर की इम्युनिटी को मजबूत बनाते हैं।
5. गर्मी में ठंडक देता है; यह शरीर की गर्मी को कम कर प्राकृतिक ठंडक प्रदान करता है।
6. पेट की समस्याओं को दूर करने में;
पेट से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए जामुन फायदे मंद है। रोज सुबह खाना खाने के बाद जामुन खाने से पेट साफ होता है। पेट के अंदर ऐंठन की समस्या दूर करने के लिए जामुन की छाल का काढा बनाकर पीने से दूर हो जाती है।
7. बच्चों के लिए लाभदायक
जामुन छोटे बच्चों के लिए भी अच्छे रहते हैं
यदि बच्चों को दश्त की समस्या हो तो जामुन की ताजी छाल को पिस कर बकरी के दूध के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है। यदि बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते हैं तो जामुन का चूर्ण खिलाने से लाभ होता है।
गाव से जुडा हुआ जामुन का इतिहास :
गाँवों में बच्चे पेड़ से जामुन तोड़कर खाना पसंद करते हैं। ये फल सिर्फ स्वाद नहीं देता, बल्कि बचपन की मीठी यादों से भी जुड़ा होता है। कई लोकगीतों और कहावतों में भी जामुन का ज़िक्र आता है।
जामुन से बने लोकप्रिय व्यंजन
जामुन का पना – ठंडक देने वाला पारंपरिक पेय
जामुन आइसक्रीम – स्वाद और सेहत का नया मेल
जामुन रायता – चटपटा और ठंडा रायता

जामुन का फल 70 प्रतिशत खाने योग्य होता है। इसमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज दो मुख्य स्रोत होते हैं। फल में खनिजों की संख्या अधिक होती है। अन्य फलों की तुलना में यह कम कैलोरी प्रदान करता है। एक मध्यम आकार का जामुन 3-4 कैलोरी देता है। इस फल के बीज में काबोहाइट्ररेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है।