जून का महीना और आम का मजा.
. आम काफी हेल्दी होता है. इसमें कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है.
. आम का मौसम अप्रैल के अंत से शुरू होकर जून-जुलाई तक चलता है, लेकिन जून वो महीना होता है जब बाजार में आम की कई किस्में अपने चरम पर होती हैं। चाहे वह लंगड़ा, दशहरी, चौसा, हाफ़ुस (अल्फ़ोंसो) हो या साफेदा, हर किस्म की खुशबू और मिठास दिल जीत लेती है।

जून में आम खाने के फ़ायदे
गर्मी में शरीर को ठंडक और ऊर्जा देने के लिए आम एक बेहतरीन विकल्प है। इसके प्रमुख स्वास्थ्य लाभ निम्न हैं:
✅ डिहाइड्रेशन से बचाव – आम में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को हाइड्रेट रखता है।
✅ इम्युनिटी बढ़ाता है – इसमें विटामिन C और A की भरपूर मात्रा होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाती है।
✅ पाचन तंत्र में सुधार – इसमें प्राकृतिक एंज़ाइम होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं।
✅ त्वचा को निखारता है – इसमें मौजूद बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को चमकदार बनाते हैं।
✅ आयरन का अच्छा स्रोत – खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए फायदेमंद।
आम का इतिहास :
आम का इतिहास 5,000 साल से भी अधिक पुराना है और इसका उद्गम दक्षिण या दक्षिण-पूर्व एशिया में माना जाता है। भारत में, आम को प्रेम, समृद्धि और दोस्ती का प्रतीक माना जाता है। भारतीय लोककथाओं में कहा जाता है कि भगवान बुद्ध को एक आम का बगीचा विश्राम के लिए भेंट किया गया था। आम का पेड़ बांग्लादेश का राष्ट्रीय वृक्ष है, और आम भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस का राष्ट्रीय फल है।1987 में नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड ऑफ इंडिया ने इंटरनेशनल मैंगो फेस्टिवल की शुरुआत की, जो अब हर साल दिल्ली में आयोजित होता है। इस उत्सव में 550 से अधिक आम की किस्में प्रदर्शित की जाती हैं, जिसमें खाने की प्रतियोगिताएँ, सांस्कृतिक प्रदर्शन और पाक प्रदर्शनियाँ शामिल होती हैं।

आम की किस्में ;
भारत में 1,500 से अधिक आम की किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें से प्रत्येक का स्वाद, आकार और रंग अलग होता है। जून में उपलब्ध कुछ प्रमुख किस्में निम्नलिखित हैं:
अल्फांसो (हापुस): इसे “मैंगो का राजा” कहा जाता है। यह महाराष्ट्र के रत्नागिरी क्षेत्र में उगाया जाता है और अपने समृद्ध, मलाईदार स्वाद और सुनहरे रंग के लिए प्रसिद्ध है।
केसर: गुजरात की विशेषता, यह किस्म अपने मीठे स्वाद और चमकीले नारंगी गूदे के लिए जानी जाती है। यह जून के मध्य तक उपलब्ध होती है।
नीलम: कर्नाटक और केरल में लोकप्रिय, यह जून में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है और इसका रसदार गूदा शेक और डेज़र्ट के लिए आदर्श है।
बंगनपल्ली: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आने वाली यह किस्म अपने बड़े आकार और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है।
दशहरी (Dasheri)
उत्पत्ति: उत्तर प्रदेश (मलिहाबाद)
स्वाद: बेहद मीठा और रसीला
विशेषता: पतली गुठली और मजबूत खुशबू
सीजन: जून से जुलाई
लंगड़ा (Langda)
उत्पत्ति: बनारस (वाराणसी), बिहार
स्वाद: थोड़ा खट्टा-मीठा, बेहद सुगंधित
विशेषता: गूदा थोड़ा फाइबरयुक्त
सीजन: जून के मध्य से जुलाई तक
चौसा (Chausa)
उत्पत्ति: उत्तर भारत (हरदोई, उत्तर प्रदेश)
स्वाद: अत्यंत मीठा और बेहद रसीला
विशेषता: बिना रेशे का गूदा, हाथ से खाने लायक
सीजन: जून के आखिरी से अगस्त तक
आम की रेसिपीज़ ;
गर्मी में आम से बनी ठंडी-ठंडी रेसिपीज़ आपका दिल जीत लेंगी:
🥭 आम का पना (Aam Panna) – लू से बचाने वाला ठंडा पेय
🍧 मैंगो शेक – दूध और आम का हेल्दी मिक्स
🍨 मैंगो आइसक्रीम – बच्चों और बड़ों की पहली पसंद
🍚 आम का खट्टा-मीठा अचार
🥭 मैंगो स्मूदी या सलाद

📌कुछ ध्यान देने योग्य बातें ;
अत्यधिक आम खाने से गर्मी लग सकती है, इसलिए संतुलित मात्रा में सेवन करें।
डायबिटीज़ के मरीज आम सीमित मात्रा में खाएं।
पके हुए आम का ही सेवन करें, कच्चे आम से पेट में गैस की समस्या हो सकती है।
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