गर्मियों के मौसम में शरीर तेजी से ऊर्जा खोता है और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर को ठंडक देने वाली चीजों की जरूरत होती है, जो पोषण के साथ-साथ शरीर को एनर्जी भी दें। गर्मी के मौसम सत्तू सेहत के लिए किसी सुपरफूड से कम नहीं है। सत्तू न सिर्फ शरीर को ठंडक पहुंचाता है, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव करता है। भारत के कई राज्यों में सत्तू को ‘गरीबों का प्रोटीन’ भी कहा जाता है।

एक पौष्टिक और पारंपरिक सुपरफूड
सत्तू, जो मुख्य रूप से भुने हुए चने या जौ से बनाया जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप में विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, और झारखंड जैसे राज्यों में एक लोकप्रिय और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अनेक लाभ प्रदान करता है। सस्ता, आसानी से उपलब्ध, और पौष्टिक होने के कारण सत्तू को “गरीब का प्रोटीन” भी कहा जाता है। आइए, सत्तू के फायदों पर विस्तार से जानें:
1. प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत
सत्तू में उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है। शाकाहारी लोगों के लिए यह प्रोटीन का एक किफायती और प्रभावी स्रोत है। एक कप सत्तू में लगभग 20-25 ग्राम प्रोटीन हो सकता है, जो दैनिक प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक है।
2. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी
सत्तू में मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करता है। यह पेट को ठंडा रखता है और गर्मियों में पाचन संबंधी समस्याओं को कम करता है। सत्तू का सेवन आंतों को स्वस्थ रखता है और मल त्याग को नियमित करता है।
3. ऊर्जा का त्वरित स्रोत
सत्तू कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का एक संतुलित मिश्रण है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसे पानी या दूध के साथ मिलाकर पीने से थकान दूर होती है और दिनभर की गतिविधियों के लिए ऊर्जा मिलती है। यही कारण है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों और किसानों का पसंदीदा भोजन है।
4. गर्मी से राहत
गर्मियों में सत्तू का शरबत एक प्राकृतिक कूलेंट के रूप में काम करता है। यह शरीर को ठंडा रखता है और लू (हीटस्ट्रोक) से बचाव करता है। सत्तू में पानी मिलाकर बनाया गया शरबत हाइड्रेशन बनाए रखने में भी मदद करता है।
4. वजन नियंत्रण
में सहायकसत्तू में कैलोरी की मात्रा कम होती है और यह लंबे समय तक पेट को भरा हुआ महसूस कराता है। यह भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे वजन प्रबंधन में सहायता मिलती है। सत्तू का शरबत या पराठा वजन कम करने की कोशिश करने वालों के लिए एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है।
सत्तू का सेवन कैसे करें?
सत्तू का शरबत: सत्तू को पानी या दूध में मिलाकर, उसमें नमक, नींबू, या गुड़ डालकर पी सकते हैं।
सत्तू के पराठे: सत्तू को मसालों के साथ मिलाकर पराठों में भरकर खाया जा सकता है।
सत्तू की खिचड़ी: सत्तू को सब्जियों और मसालों के साथ मिलाकर हल्का भोजन तैयार किया जा सकता है।
सत्तू के लड्डू: सत्तू, गुड़, और घी से स्वादिष्ट और पौष्टिक लड्डू बनाए जा सकते हैं।
सावधानियां
सत्तू का सेवन संतुलित मात्रा में करें, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
अगर आपको चने या जौ से एलर्जी है, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
सत्तू को हमेशा साफ और सूखे स्थान पर स्टोर करें ताकि यह खराब न हो।
सत्तू एक ऐसा सुपरफूड है जो न केवल पौष्टिक है, बल्कि स्वाद और स्वास्थ्य का भी खजाना है। यह भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है और इसे विभिन्न रूपों में आसानी से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है। चाहे आप गर्मियों में ठंडक चाहते हों, ऊर्जा की जरूरत हो, या स्वस्थ जीवनशैली अपनाना चाहते हों, सत्तू एक बेहतरीन विकल्प है। इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करें और इसके अनगिनत फायदों का लाभ उठाएं।